About The Books
प्रस्तुत पुस्तक "पर्वतीय क्षेत्रों में सब्जी उत्पादन की आधुनिक तकनीक के अंतर्गत पर्वतीय क्षेत्रों में उगाई जाने वाली सब्जियों की विस्तृत जानकारी एवं तकनीक का सविस्तार वर्णन किया गया है । इस पुस्तक में प्रमुख रूप से सब्जी उत्पादन का इतिहास एवं प्रमुख सब्जियों की शुरुआत कैसे हुई का वर्णन किया गया है, सब्जी उत्पादन के क्षेत्र में उपलब्धियाँ एवं प्राथमिकताएँ, सब्जियों का पोषक महत्व, सब्जियों की पौधशाला, जल प्रबंधन, संरक्षित वातावरण में सब्जी उत्पादन, सब्जियों में जैविक खेती का महत्व, फ्लोटिंग गार्डन झील में सब्जी उत्पादन, पर्वतीय क्षेत्रों में पाई जाने वाली स्थानीय सब्जियों की उत्पादन तकनीक का विस्तार पूर्वक वर्णन किया गया है, प्रमुख सब्जियों की बीज उत्पादन विधियाँ, अल्प प्रचलित सब्जियों की पर्वतीय क्षेत्रों में खेती एवं प्रबंधन, संकर बीज उत्पादन विधि, जैव प्रौद्योगिकी का महत्व, उत्तक संवर्धन का महत्व, पात्र वाटिका की आवश्यकता, अंत में सब्जियों की प्रचलित किस्में एवं पर्वतीय क्षेत्रों में संस्तत किस्मों का सचित्र विवरण प्रस्तत किया गया है। प्रस्तुत पुस्तक में अत्यंत सरल भाषा का सफलतापूर्वक प्रयोग किया गया है जिसकी सहायता से यह पुस्तक किसान भाइयों, छात्रों एवं वैज्ञानिकों को आसानी से समझ में आ सकेगी एवं सफलता 'पूर्वक शोध कार्य करने में लाभकारी सिद्ध होगी।
About The Author
डॉ. प्रदीप कुमार सिंह वर्तमान समय में सहायक प्राध्यापक के पद पर कार्यरत हैं। इनकी नियक्ति सब्जी विज्ञान विभाग, शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, शालीमार, श्रीनगर, कश्मीर में है। इन्होंने अपनी विद्या-वाचस्पति की उपाधि सन् 2005 में प्राप्त की थी। इन्होंने नेट की परीक्षा 2003 में उतीर्ण की थी। इनका कुल | अनुभव 9 वर्ष से ज्यादा है जिसमें प्रमुख रूप से शोध शिक्षा एवं प्रसार है। इन्होंने अनेक राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय| संगोष्ठियों में भाग लिया है एवं अनेक लेख एवं आलेख प्रस्तुत किये हैं। इन्होंने अभी तक 12 विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भी भाग लिया है जिससे इनको अनेक प्रकार के अनुभव प्राप्त हुए हैं। इनके राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में अनेक लेख प्रकाशित हुए हैं जिनमें मुख्य रूप से 14 लेख अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में एवं 16 लेख राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हैं। 65 सारांश विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रकाशित हुए हैं। इनकी चार पुस्तकें भी प्रकाशित हुई हैं जिनके शीर्षक हैं: मैनुअल ऑन वेजिटेबल ब्रीडिंग, अप्लाइड प्रॉडक्शन टेक्नालजी ऑफ वेजीटेबल, वेजीटेबल प्रॉडक्शन अंडर किचन गार्डन एवं बायो टेकनोलोजी फॉर एग्रिकल्चर एंड एनवायरनमेंट प्रमुख हैं। विगत वर्ष में इनको राजभाषा गौरव पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।। इनके 10 अध्याय विभिन्न पुस्तिकाओं में प्रकाशित हैं इसके अलावा इनके 28 प्रचलित लेख विभिन्न पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं। ये विभिन्न शोध पत्रिकाओं में वार्षिक एवं जीवन पर्यंत सदस्य हैं। वर्तमान में ये अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं के सम्पादक समिति के सदस्य हैं।
डॉ. नजीर अहमद वर्तमान समय में कुलपति के पद पर शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, शालीमार, श्रीनगर, कश्मीर में कार्यरत हैं। डॉ अहमद ने अनेक पदों पर रहकर कार्य किया है। डॉ. अहमद केन्द्रीय शीतोष्ण बागवानी संस्थान काश्मीर में निदेशक के पद पर कार्यरत थे। इन्होंने वैज्ञानिक, वरिष्ठ वैज्ञानिक, सब्जी विज्ञान विभाग में प्रमुख एवं प्रोफेसर के पद पर रहते हुए अनेक कार्य किए हैं। शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान एवं
प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, शालीमार, श्रीनगर, कश्मीर में 30 वर्षों से ज्यादा अपनी सेवा दी है। डॉ नजीर अहमद ने अनेक पुरस्कार प्राप्त किए हैं। जिनमें प्रमुख रूप से विगत वर्ष में राजभाषा गौरव पुरस्कार, डॉ आर एस परोदा पुरस्कार, डॉ एम एच मरीगौड़ा राष्ट्रीय एण्डौमेंट पुरस्कार, डॉ कीर्ति सिंह गोल्ड मेडल पुरस्कार एवं विजय श्री पुरस्कार प्रमुख हैं। इनका प्रमुख योगदान शिक्षा के क्षेत्र में, शोधकर्ता एवं प्रसार क्षेत्र में रहा है। आप एक अच्छे प्रशासक के रूप में विख्यात हैं। डॉ नजीर अहमद ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक हैं। इसके अलावा इनके 300 से अधिक शोध पत्र अनेक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं।
डॉ. सदा शंकर सिंह, प्रोफेसर, सब्जी विज्ञान विभाग, नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कमारगंज, फैजाबाद से सन् 2013 में सेवानिवृत हुए। अपने कार्यकाल के दौरान डॉ सिंह के शोध पत्र विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं। इनके दिशा निर्देश में 30 से अधिक शोध छात्रों ने अनेक विषयों पर शोध कार्य किए हैं एवं इन्होंने 20 से अधिक पीएचडी. छात्रों का भी मार्गदर्शन किया है। डॉ सदा शंकर सिंह ने 30 वर्षों से अधिक अखिल भारतीय सब्जी अनुसंधान परियोजना में वैज्ञानिक एवं इंचार्ज के रूप में अनेक शोध कार्य किए हैं तथा सब्जियों में उन्नत उत्पादन विधियां विकसित की हैं। डॉ. सिंह सर्वप्रथम 1976 से 1982 तक हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार (हरियाणा) में वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत रहे।
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